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तुम रच्छक काहू को डर ना ॥२२॥ आपन तेज सह्मारो आपै ।

बरसे बदरिया सावन की।सावन की मन भावन की॥सावन में उमंगयो मेरो मनवा।झनक सुनी हरि आवन की॥उमड़ घुमड़ चहुँ देस से आयो।दामिनी ध

धन निर्धन को देत सदा हीं। जो कोई जांचे सो फल पाहीं॥

कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भए प्रसन्न दिए इच्छित वर॥

नंदलाल गोपाल दया करके रख चाकर अपने द्वार मुझे

By composing verses in many different regional languages, saints and poets like Kabir, Mirabai, Tulsidas, and Surdas performed a crucial component in popularizing bhajans and generating them easy to understand to a larger viewers.

लवनिमेष महँ मारि गिरायउ ॥ आप जलंधर असुर संहारा ।

जो सुमिरै हनुमत बलबीरा ॥३६॥ जय जय जय हनुमान गोसाईं ।

सदा रहो रघुपति के दासा ॥३२॥ तुह्मरे भजन राम को पावै ।

पक्षी और बादल की चिट्ठियों में पेड़-पौधे, पानी और पहाड़ क्या पढ़ पाते हैं?

भक्त अपने जीवन में पैदा हुई कठिनाइयों और बाधाओं को दूर करने के लिए श्री शिव चालीसा का नियमित पाठ करते हैं। श्री शिव चालीसा के पाठ से आप अपने दुखों को दूर कर भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त कर सकते हैं। शिव चालीसा का पाठ हमेशा सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद करना shri hanuman ji ki aarti चाहिए। भक्त प्रायः सोमवार, शिवरात्रि, प्रदोष व्रत, त्रयोदशी व्रत एवं सावन के पवित्र महीने के दौरान शिव चालीस का पाठ खूब करते हैं।

कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥

जीत के लंक विभीषण दीन्हा ॥ सहस कमल में हो रहे धारी ।

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